नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. एनडीए के कई और नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है. इसबार बिहार को अधिक मंत्री मिले हैं. बिहार से कुल 8 सांसदों को नयी सरकार में मंत्री बनाया गया है. नये मंत्रिमंडल में बिहार से तीन सवर्णों को शामिल किया गया है जिसमें दो भूमिहार और एक ब्राह्मण सांसद शामिल हैं. इसबार तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि ब्राह्मण चेहरों में किसका भाग्य चमकेगा. अंतत: रविवार को भाजपा के राज्यसभा सांसद सतीश दुबे ने अन्य दावेदारों को पीछे छोड़ते हुए मंत्री पद की शपथ ली. सतीश दुबे को केंद्र सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया है.
इन ब्राह्मण नेताओं से अधिक भाग्यशाली रहे सतीश दुबे
बिहार से सवर्ण चेहरों में मुंगेर सांसद ललन सिंह, बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह और राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे को मंत्री बनाकर सवर्णों को उनका प्रतिनिधित्व देने की कोशिश एनडीए की नयी सरकार में की गयी है. ब्राह्मण चेहरा इसबार बिहार से सतीश चंद्र दुबे हैं. एनडीए की बात करें तो इसबार लोकसभा चुनाव 2024 में सीतामढ़ी से जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर और भाजपा के टिकट पर दरभंगा से गोपाल जी ठाकुर दो ऐसे उम्मीदवार जीते हैं जो ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. हाल में ही राज्यसभा सांसद बनाए गए जदयू के कद्दावर नेता संजय कुमार झा भी ब्राह्मण चेहरे हैं और इन तीनों नेताओं के लिए भी उनके समर्थक उम्मीद लगाए हुए थे कि इसबार मंत्रिमंडल में इन्हें जगह मिल सकती है.
एक तीर से दो निशाना साधा?
पिछली बार बिहार से बक्सर से जीतकर संसद पहुंचने वाले भाजपा के कद्दावर नेता अश्निणी कुमार चौबे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली थी. इस बार अश्विनी चौबे का टिकट कट गया था जिसके बाद भाजपा आलाकमान ने सतीश चंद्र दुबे को कैबिनेट में शामिल करके इसकी भरपाई करने की कोशिश की है. वहीं राजनीति मामलों के जानकार कहते हैं कि सतीश दुबे को मंत्रिमंडल में शामिल करके चंपारण की राजनीति को भी एकसाथ साधने की कोशिश हुई होगी.
कौन हैं सतीश चंद्र दुबे?
चंपारण के कद्दावर नेता सतीश चंद्र दुबे राज्यसभा सदस्य हैं. भाजपा के जमीनी नेता के रूप में उनकी पहचान है. वो पंचायत अध्यक्ष से अपनी राजनीति शुरू किए और 2005 में चनपटिया से विधायक बने. भाजपा के टिकट पर 2010 में नरकटियागंज से विधानसभा जीते. 2014 में लोक सभा का टिकट मिला और वाल्मिकीनगर सीट से जीतकर सांसद बने. 2019 में ये सीट जदयू के खाते में चली गयी जिसके बाद वो राज्यसभा भेजे गए और 2019 च 2022 में राज्यसभा से लगातार सांसद बने हैं. सरकार के मंत्रालयों में परामर्शदात्री व स्थायी समिति के सदस्य भी वो रहे हैं. सतीश दुबे विधानसभा, लोकसभा व राज्यसभा तीनों सदनों का प्रतिनिधित्व करने वाले चंपारण के पहले नेता भी हैं.