जिले में पहली बार 264 सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अब ई-लाइब्रेरी की सुविधा मिलेगी। इसको लेकर केके पाठक (KK Pathak) का शिक्षा विभाग ने पहल शुरू कर दी है। ई-लाइब्रेरी में बच्चों को आफलाइन और आनलाइन दोनों मोड में कंटेंट उपलब्ध कराने की तैयारी है, ताकि एक क्लिक पर छात्र-छात्राओं को विषय से जुड़ी हर एक जानकारी मिल सकें।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। विद्यालयों में इसे इंस्टाल करने की दिशा में जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा। इसके लिए विद्यालयों के आइसीटी लैब के इंस्ट्रक्टर को प्रशिक्षण दी जाएगी। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि आइसीटी लैब में ई-लाइब्रेरी को लेकर काम किया जाना है। ई-लाइब्रेरी बच्चों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। यह सुविधा सभी आइसीटी लैब में मिलेगी।
विद्यालयों को मिलेंगे यूजर आईडी और पासवर्ड :
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा तैयार किए गए यूजर आईडी और पासवर्ड विद्यालयों को दिया जाना है। यूजर आईडी और पासवर्ड के जरिए ही विद्यालयों के बच्चे ई-लाइब्रेरी की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। परिषद द्वारा जिले के जिन विद्यालयों में आईसीटी लैब का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। वैसे विद्यालयों में जल्द से जल्द लैब के निर्माण को पूरा करने का भी निर्देश जारी किया गया है।
ई-लाइब्रेरी में 10 साल के प्रश्न बैंक भी रहेंगे उपलब्ध
विभागीय स्तर पर ई-लाइब्रेरी से जुड़े साफ्टवेयर को तैयार किया गया है। शिक्षा विभाग से जुड़े कंप्यूटर एक्सपर्ट ने बताया कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा ई-लाइब्रेरी का जो साफ्टवेयर विकसित करवाया गया है, वह काफी अत्याधुनिक है। इसमें कोर्स से जुड़ी सभी किताबें मौजूद रहेगी। जो हिंदी व अंग्रेजी के साथ अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध रहेगी। बच्चों को यह बाजार में आई नई किताबों के बारे में जानकारी देगा। 10वीं से 12वीं तक के 10 साल के प्रश्न बैंक भी उपलब्ध रहेंगे।
तकनीकी शिक्षा के लिए बनाया गया आईसीटी लैब
निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को शुरुआती कक्षा से ही कंप्यूटर की शिक्षा दी जाती है। ऐसे में सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को 12वीं तक भी कंप्यूटर की शिक्षा नहीं मिल पाती थी। इसको लेकर अब इस आईसीटी योजना के संचालन से स्कूली छात्र अपने स्कूल में ही तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।