बिहार में कोरोना संकट के बीच 296 दिनों बाद बिहार के माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालय खुले लेकिन ज्यादातर स्कूलों में कक्षाएं नहीं चलीं। अधिसंख्य स्कूलों में पठन-पाठन आरंभ करने की तैयारी नहीं होने से कक्षाएं नहीं लग सकीं। न तो रोस्टर बने थे, न ही ऑड-इवेन (सम-विषम) में बांटकर छात्रों तक इसकी सूचना पहुंच पाई थी। हालांकि सोमवार को स्कूलों ने इसकी तैयारी की और माना जा रहा है कि मंगलवार से कक्षाएं पटरी पर लौटेंगी।
हालांकि स्कूलों में विद्यार्थी उत्साह के साथ पहुंचे। कई जगह तो बड़ी संख्या में पहुंच गए। कहीं पचास फीसदी से भी ऊपर तो कहीं-कहीं दस-पंद्रह फीसदी बच्चे ही आए। अब मंगलवार से सम और विषम रोल नम्बर के मुताबिक छात्र-छात्रा विद्यालय आएंगे। एक दिन सम तो एक दिन विषम क्रमांक वाले।
शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने जिले के सभी माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों में छात्रों की दैनिक उपस्थिति की रिपोर्ट भेजें। 4 जनवरी से ही रोजाना यह रिपोर्ट शाम 5 बजे तक भेजनी होगी।
बच्चों का डर खत्म हुआ
करीब साढ़े 9 माह से घर से पढ़ाई करने वाले 9वीं से 12वीं के बच्चे जब सोमवार को स्कूल पहुंचे तो वे थोड़े डरे-सहमे दिखे। लेकिन स्कूल-कॉलेज पहुंचने और दोस्तों से मिलने से यह डर गुम सा हो गया। कुछ बच्चों ने कहा, अब उन्हें कोरोना से डर नहीं लग रहा है। आखिर पढ़ाई भी तो पूरी करनी है।