पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) को पार्टी की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी दी है। प्रशांत किशोर की एजेंसी आई-पैक (I-PAC) पिछले कई महीनों से ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के लिए काम भी कर रही है, लेकिन इस बीच पार्टी के कई सीनियर नेता पीके की एजेंसी का दखल पचा नहीं पा रहे हैं। बैरकपुर विधानसभा से टीएमसी विधायक ने प्रशांत किशोर की एजेंसी के खिलाफ हमला बोलते हुए ऐलान किया कि वे आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
बंगाल की बैरकपुर विधानसभा सीट से टीएमसी के विधायक सिलभद्र दत्ता ने कहा, ”एक बाहरी एजेंसी मुझे सिखा रही है कि राजनीति कैसे करूं। मैं जब कक्षा 6वीं में था, तब राजनीति में आया था। अभी मैं 62 साल का हूं, लेकिन दुर्भाग्य से, मुझे उस एजेंसी के एक कर्मचारी से यह सुनने को मिला कि मुझे वोटों के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमारे लिए चुनाव लड़ने के लिए एजेंसी को चुना गया है। वे मुझसे मेरी जाति के बारे में पूछ रहे हैं क्योंकि वे जाति-आधारित राजनीति का परिचय देना चाहते हैं।” विधायक ने आगे कहा कि मैंने उन्हें बताया है कि यह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार या फिर दिल्ली नहीं है।
इससे पहले, प्रशांत किशोर बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस को चुनाव लड़ने और जीतने में मदद कर चुके हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा राज्य की 42 सीटों पर कब्जा जमाने के बाद, ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर को जिम्मा सौंपा था। उस चुनाव में टीएमसी की कुल सीटें 34 से घटकर 22 हो गई थीं।
जहां दत्ता ने पीके की एजेंसी पर हमला बोलते हुए आई-पैक का नाम नहीं लिया, तो वहीं, एक अन्य विधायक ने सीधे तौर पर आईपैक पर हमला बोलते हुए कहा था कि यह पार्टी के लिए ठीक नहीं है कि कोई एजेंसी यह निर्देश दे कि कैसे पार्टी को चलाया जाए। कूच बिहार साउथ से टीमएसी के विधायक मिहिर गोस्वामी ने कहा, ”आई-पैक, कॉन्ट्रैक्ट एजेंसी, अगर पार्टी को निर्देश देगी कि कैसे काम करें तो यह पार्टी के लिए अच्छा नहीं होगा। अगर कोई पार्टी चाहती है कि एजेंसी पार्टी को चलाए तो 100 फीसदी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ेगा। कार्यकर्ताओं को पार्टी से जुड़े कामों को संभालना चाहिए।”
टीएमसी के एक अन्य सीनियर नेता ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि राज्य सरकार के परिवहन मंत्री सुवेंदू अधिकारी को आई-पैक का संगठन में हस्तक्षेप पसंद नहीं है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि साल 1995 में मैं अविभाजित कांग्रेस का काउंसलर था। मैं कोई पैराशूट से नहीं कूदा हूं। ना ही मैं यहां तक पहुंचने के लिए लिफ्ट ली। मैंने सीढ़ी से कदम-दर-कदम आगे बढ़ा हूं। हमें कोई नहीं रोक पाएगा।
ममता बनर्जी ने किए हैं कई बड़े फेरबदल
2021 के बंगाल विधानसभा चुनावों को देखते हुए टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने हाल ही में पार्टी में कुछ नए चेहरों को लाने और कुछ पुराने चेहरों को हटाने के लिए बड़ा फेरबदल किया। अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि इस फेरबदल के पीछे प्रशांत किशोर का और उनकी टीम की जमीनी हकीकत का सालभर का आकलन है। जहां एक ओर, आई-पैक ने इस पर कोई भी कॉमेंट करने से इनकार कर दिया, तो वहीं, टीएमसी के प्रवक्ता तापस रॉय ने कहा कि वे हमारी पार्टी के सीनियर नेता हैं, लेकिन सभी को पार्टी की गाइडलाइंस को मानना चाहिए। कोई भी व्यक्ति पार्टी से ऊपर नहीं है।