समस्तीपुर : पछुआ की सर्द हवाओं ने लोगों का जीना दुभर कर दिया है। शीतलहर के प्रकोप से जनजीवन अस्त व्यस्त है। सर्द हवाओं की वजह से रविवार को भी भीषण ठंड व गलन रही। सुबह दस बजे के बाद धूप खुली, लेकिन सर्द हवाओं ने लोगों के उम्मीद पर पानी फेर दिया। घने कोहरे के चलते सुबह की दृश्यता शून्य रही, इसके कारण सड़क पर वाहनों की रफ्तार काफी धीमी नजर आई। ठंड के कारण लोग इधर-उधर अलाव जलाते नजर आए। रात बेहद सर्द रही। पछुआ हवाओं के साथ शुरु हुआ सर्दी का सितम लगातार बढ़ता जा रहा है। तापमान में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। आलम यह है कि ठंड और गलन के लोग सिकुड़ रहे हैं। खासकर, बच्चे और बूढ़े को काफी कठिनाई हो रही है। रोजमर्रा व कामकाज करने वाले और गरीब मजदूर तबके के लोगों की समस्या बढ़ गई है। धूप निकलने के बाद ही लोग अपने घरों से निकल पाते हैं। शाम होते ही बाजार में सन्नाटा पसर जाता है। ठंड के कारण व्यवसायिक गतिविधियों भी प्रभावित हो रही है। वाहनों के रफ्तार पर भी ब्रेक लग गया है। घने कोहरे के बीच इक्का दुक्का वाहन ही सड़कों पर नजर आते हैं। इधर मौसम के बदलते मिजाज के कारण मौसमी बीमारियों का प्रकोप भी काफी हद तक बढ़ गया है। जरा सी लापरवाही के बाद लोग सर्दी जुकाम, बुखार आदि के चपेट में आ रहे हैं। सत्रह वर्षो में सबसे नीचे गिरा न्यूनतम तापमान
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय मौसम पूर्वानुमान के अनुसार उत्तर बिहार में अभी और ठंड बढ़ेगी। मौसम विज्ञानी डॉ. अब्दुल सत्तार का बताना है कि पश्चिमी विक्षोभ की पूर्ण सक्रियता एवं जम्मू कश्मीर में हो रही बर्फबारी के साथ 8 से 10 किलोमीटर की रफ्तार से पछिया हवा चलने के कारण उत्तर बिहार में कनकनी भरी ठंड लगेगी। देर सुबह में सूर्य का प्रकाश निकलने की भी संभावना है। मौसम विज्ञानी का बताना है कि न्यूनतम तापमान में अभी और भी गिरावट आ सकती है। पिछले 17 वर्षों के रिकॉर्ड में आज की तिथि में न्यूनतम तापमान में इतनी गिरावट नहीं रिकॉर्ड की गई थी। रविवार को अधिकतम तापमान 18.7 एवं न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। अधिकतम एवं न्यूनतम दोनों तापमान सामान्य से कम है। मौसम विज्ञानी ने बताया कि आज की तिथि में अधिकतम तापमान 22 से 23 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 8 से 9 डिग्री के बीच रहना चाहिए। वैसे मौसम विभाग का बताना है कि अगले दो से तीन दिनों तक सुबह एवं शाम में कहीं-कहीं घना कुहासा एवं कहीं-कहीं हल्का कुहासा भी लगेंगे।
खेतों में नमी बनाएं रखें किसान
मौसम विज्ञानी ने किसानों से अपने खेतों में नमी बनाए रखने की सलाह देते हुए उसके निरंतर निरीक्षण करने को कहा है। वहीं पशुपालकों से अपने पशुओं को घर में रखने एवं उसके बिछावन के लिए हल्दी के डंठल या पुआल का बिछावन देने की ताकीद की है। वर्ष – अधिकतम तापमान – न्यूनतम तापमान
2004 – 18.7- 13.7
2005-25.7-7.9
2006- 25.8-12.7
2007-23.3-8.7
2008-16.3-13.4
2009-25.6-9.4
2010-23.9-9.1
2011-12.4-10.3
2012-15.2-9.8
2013-22.2-10.0
2014-23.1-7.9
2015-22.1-4.08
2016-25.2-10.8
2017-20.5-11.0
2018-23.0-7.5
2019-17.0-8.2
2020-18.07-6.9