राष्ट्रीय जनता दल (राजग) के घटक दलों के परस्पर संबंधों को लेकर बात-बात पर टिप्पणी करने वाले लालू परिवार ने जदयू में नेतृत्व परिवर्तन पर चुप्पी साध रखी है। आरसीपी सिंह को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर न तो राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कोई ट्वीट किया है और न ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कोई बयान सामने आया है। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राजद विधायक तेज प्रताप यादव और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती ने भी चुप्पी साध रखी है। लालू परिवार की इस चुप्पी पर सियासत में हैरानी है। उत्सुकता भी है और इंतजार भी।
राजनीतिक घटनाक्रम पर सबसे पहले आती थी प्रतिक्रिया
बिहार में किसी भी तरह के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद सबसे पहले लालू परिवार के सदस्यों की ही प्रतिक्रिया आती है। हर कोई अपने अपने तरीके से बयान जारी करता है। किंतु सत्तारुढ़ दल जदयू में इतना बड़ा परिवर्तन हुआ, इसपर अभी तक किसी ने कुछ भी बोलने की जरूरत नहीं समझी है। हालांकि राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी एवं प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन समेत पार्टी के कुछ अन्य नेताओं ने बयान जरूर जारी किया है। किंतु उनके बयानों में भी सामंजस्य नहीं है। इससे पता नहीं चल पा रहा है कि जदयू में आंतरिक बदलाव के बाद राजद की लाइन क्या है?
शिवानंद ने नीतीश कुमार को बताया बुद्धिमान
शिवानंद तिवारी ने ट्वीट करके नीतीश को बुद्धिमान बताया है और भाजपा के प्रति आगाह किया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा की मंशा को पहले समझ लेने की जरूरत थी। किंतु नीतीश अंदाजा नहीं लगा पाए और महागठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ चले गए। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन का बयान शिवानंद की लाइन से अलग है। उन्होंने नीतीश को जाति और जिले के दायरे में रहने का आरोप लगाया और कहा है कि उन्हें किसी अन्य पर भरोसा नहीं रहा है।