बिहार में राजधानी पटना के मसौढ़ी इलाके में स्थित स्टेट हाईवे-83 से गुजरने वाले ट्रकों से 50 -50 रुपये वसूलने वाले दारोगा अरविंद कुमार सहित जिला पुलिस बल के दो जवानों प्रदीप कुमार रजक और अभिजीत कुमार को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया है। हाथ में राइफल लेकर नजराना वसूलने वाले ये सभी मसौढ़ी थाने पदस्थापित थे।
इसके साथ ही तीनों पुलिसकर्मियों और थाने की गश्ती गाड़ी के निजी चालक नीतीश कुमार के खिलाफ रंगदारी से रुपये वसूलने और अन्य धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है। एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है।
फेसबुक पर वीडियो हुआ था वायरल
मसौढ़ी के बिगहा मोड़ पर पुलिसवाले मंगलवार की देर रात चेकिंग कर रहे थे। इसी बीच वहां से गुजर रहे कुछ जागरुक युवकों की नजर वसूली कर रहे पुलिसकर्मियों पर पड़ी। ट्रक से लेकर हरेक छोटे-बड़े व्यावसायिक वाहनों को रुकवाकर पुलिस के जवान 50-50 रुपये वसूल रहे थे। पैसे लेने के बाद उसे गश्ती गाड़ी के आगे बने बॉक्स में रखा जा रहा था। उसमें हजारों रुपये इकट्ठा हो गये थे। यह सबकुछ देखने के बाद जब युवको ने अपने मोबाइल का कैमरा पुलिसकर्मियों की ओर घुमाया तो वे भागने लगे। युवकों ने वहीं पर मौजूद एक निजी चालक को पकड़ लिया। पुलिस की गश्ती गाड़ी को चलाने वाला निजी चालक ही रुपये लेकर बॉक्स में रखा करता था। कैमरे में तस्वीर रिकॉर्ड होने के बाद वह उसे छोड़ देने की गुहार लगाने लगा। कई खाकीधारियों ने वीडियो बनाने वालों के पैर तक पकड़ने शुरू कर दिये। वे बार-बार इसे वायरल न करने की गुहार लगा रहे थे। कुछ पुलिसवाले यह सबकुछ देखकर भागने लगे। जबकि कई खाकीधारी कैमरे के सामने अपना चेहरा छिपाने का प्रयास कर रहे थे।
थानेदार-डीएसपी अनजान थे या..
इस वीडियो के वायरल होने के बाद कई सवाल खड़े होने लगे हैं। क्या इलाके के थानेदार और डीएसपी को इन बातों की जानकारी नहीं थी। क्या ये अफसर रात्रि गश्ती की मॉनिटरिंग नहीं करते थे? अगर रात की गश्ती पर नजर रखी जाती थी तो पुलिसवालों के इस काले कारनामे पर थानेदार और डीएसपी की नजर क्यों नहीं गयी ? लोगों ने यह भी जानकारी दी कि रोज इस रूट पर पुलिस की गश्ती गाड़ी व्यवसायिक वाहनों से तसीली करने में व्यस्त रहती है। जो वाहन चालक रुपये नहीं देते हैं, उनकी गाड़ी के कागजात को चेक कर उन्हें रोक दिया जाता है।