स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि कोरोना टीकाकरण को लेकर अभी तक पोर्टल पर कुल 4 लाख 39 हजार 663 हेल्थ केयर वर्कर्स का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। जिनमें सरकारी संस्थानों के 3 लाख 62 हजार 61 और प्राइवेट संस्थानों के 72 हजार 371 लाभार्थी शामिल हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वैक्सीन का इजाद कर भारत ने विश्व में परचम लहराया है। मंगल पांडेय ने कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वैज्ञानिकों के प्रति बिहारवासियों की ओर से आभार प्रकट किया।
रविवार को जारी बयान में मंगल पांडेय ने कहा कि नियमित टीकाकरण के उपयोग में आने वाली दो वैक्सीनों को कोल्ड चेन इक्विपमेंट में रखा जा सकता है। इससे कोविड-19 टीकाकरण में वैक्सीन की गुणवत्ता बनी रहेगी। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सीरम इंस्टीच्यूट की कोविडशिल्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दी है। यह देश के वैज्ञानिकों की उपलब्धि का उत्कृष्ट प्रमाण है। देश में अचानक मार्च 2020 में फैलने वाले कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के नियंत्रण में प्रधानमंत्री की सूझबूझ और जनहित में उठाये कदम से देश में उतनी तबाही नहीं मची जितना विश्व के अन्य देशों में हुआ।
मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य में दोनों दवाओं को कोल्ड चेन इक्विपमेंट में रखने की के लिए 932 डी फ्रिजर, 1654 रेफ्रिजेरेटर आदि की व्यवस्था की गई है। जिलों को 423 आईएलआर (रेफ्रिरेजेटर का एक किस्म) भेजा गया है। डी फ्रिजर में छोटे-छोटे आइस पैक में बर्फ को जमाया जाता है, जो वैक्सीन को एक से दूसरे स्थान पर ले जाने में शीतलता बनाये रखता है।