Shree Ram Mandir surya Tilak
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श्रीराम के जन्मोत्सव में उनका सूर्य तिलक कर धन्य हुए भगवान भास्कर, भक्त मंत्रमुग्ध

देश भर में आज भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. इस बार की रामनवमी बहुत ही खास है क्योंकि श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में उनका भव्य मंदिर बनने के बाद यह पहली राम नवमी है. इस खास मौके पर उनके दर्शन के लिए उमड़ पड़े हैं. इस विशेष अवसर को और भी विशेष बनाने के लिए भगवान राम का अद्‌भुत श्रृंगार किया गया. उन्हें नव वस्त्र पहनाए गए. मुकुट भी नया था और सबसे अनोखी बात यह कि भगवान भुवन भास्कर ने उनका सूर्य तिलक किया. यानी की कुल पांच मिनट तक भगवान राम के ललाट पर सूर्य की किरणें पड़ती रहीं.

अभिजीत मुहूर्त में हुआ सूर्यतिलक

भगवान राम का सूर्यतिलक अभिजीत मुहूर्त में किया गया. इस सूर्य तिलक को हजारों लोगों ने साक्षात देखा तो लाखों लोग इस अनुपम-अद्‌भुत दृश्य को लाइव मोबाइल, टीवी और लैपटाॅप पर देखा. जब बालक श्रीराम के माथे पर सूर्य की किरणें पड़ीं तो यह महसूस हुआ जैसे आज अयोध्या में राजा राम का राजतिलक हो रहा हो. सूर्य तिलक के इस अद्‌भुत दृश्य को बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से साकार किया गया है और इस कार्य में सीएसआईआर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की की टीम ने भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान, बैंगलोर के परामर्श से मंदिर की तीसरी मंजिल से गर्भगृह तक सूर्य के प्रकाश को पहुंचाने के लिए एक सिस्टम बनाया. इस सिस्टम के जरिए ही सूर्य की किरणें गर्भगृह तक पहुंचीं और भगवान का सूर्य तिलक हुआ.

ऑप्टो-मैकेनिकल सिस्टम से हुआ सूर्य तिलक

सूर्य तिलक की प्रक्रिया ऑप्टो-मैकेनिकल सिस्टम के तहत पूरी की गई है, इस प्रक्रिया में चार आईना और चार लेंस का प्रयोग किया गया है. दर्पण और लेंस के माध्‍यम से सूर्य की किरणों को गर्भगृह की ओर मोड़ कर पहुंचाया गया. अंतिम लेंस और दर्पण सूर्य की किरण को पूर्व की ओर मुख किये हुए श्रीराम के माथे तक पहुंचाई और उनका सूर्य तिलक हुआ. यह बहुत ही अनोखा दृश्य था, जिसे देखकर भक्त मोहित हो गए.