बिहार में बिजली की रिकॉर्ड खपत दर्ज की गयी है. रविवार को बिहार में 6800 मेगावाट तक डिमांड पहुंची, जो एक रिकार्ड है. पिछले साल की तुलना में इस साल अप्रैल में 500 मेगावाट बिजली अधिक खपत हो रही है. इतना ही नहीं बिहार में पीक आवर का समय भी बढ़ गया है. अब शाम के बदले देर रात दो बजे तक बिहार में बिजली की खपत अधिक हो रही है. रात की तर्ज पर दिन में भी बिजली खपत हो रही है. अधिक खपत के कारण बिहार बाजार से हर रोज 500-700 मेगावाट बिजली की खरीदारी कर रहा है.
600 मेगावाट तक पहुंची पटना की खपत
अधिक गर्मी के कारण रात की कौन कहे, दिन में भी रिकॉर्ड बिजली खपत हो रही है. पहले के वर्षों में औसतन 45 सौ मेगावाट से लेकर पांच हजार मेगावाट के बीच ही अधिकतम बिजली खपत होती रही है. दिन से कहीं अधिक रात में बिजली खपत हुआ करती थी, लेकिन बिहार में अभी दिन में ही 55 सौ मेगावाट से अधिक बिजली खपत हो रही है, इसमें भी पटना जैसे इलाके में दिन-रात का अंतर मिट जा रहा है. केवल पटना के शहरी इलाके (पेसू) में दिन में 600 मेगावाट बिजली खपत हो जा रही है. रात में इसमें मामूली वृद्धि होकर 677 मेगावाट तक पहुंच रही हैं
डिमांड पूरा करने को तैयार कंपनियां
गर्मी को लेकर बिजली कंपनियों की तैयारी पुख्ता है. बीते 16 अप्रैल को ही राज्य में 6830 मेगावाट बिजली की खपत हो चुकी है. रात साढ़े आठ बजे से नौ बजे के बीच यह रिकॉर्ड बिजली खपत हुई. पिछले साल अप्रैल में मात्र 6400 मेगावाट बिजली खपत हुई थी. जिस हिसाब से गर्मी पड़ रही है, आने वाले दिनों में यह आंकड़ा भी पार होना तय है. पिछले साल रिकॉर्ड 7576 मेगावाट बिजली खपत हुई थी. अभी अप्रैल में ही जिस रफ्तार से बिजली खपत हो रही है, इससे
यह तय है कि इस बार राज्य में बिजली खपत का आंकड़ा आठ हजार मेगावाट पार कर जाएगा. कंपनी भी यह मानकर चल रही है कि इस साल राज्य में बिजली खपत का रिकॉर्ड आठ हजार मेगावाट से अधिक का होगा.
पीकआवर दो बजे रात तक पहुंचा
वितरण कंपनी के अधिकारियों का मानें तो बिहार में आज कल औसतन 6700-6800 मेगावाट बिजली खपत हो रही है. पहले पीकआवर शाम सात बजे से रात 11 बजे का हुआ करता था. यानी इस अवधि में अधिक बिजली खपत हुआ करती थी, लेकिन अप्रैल के अंतिम सप्ताह में पीक आवर की अवधि भी बढ़ गई है. रात आठ बजे से पीक आवर की शुरुआत हो रही है जो रात 10 बजे के बाद अचानक से बढ़ जाती है. रात के दो बजे तक पटना सहित पूरे बिहार में ऐसी स्थिति रह रही है.
कहीं कोई बिजली संकट नहीं
वितरण कंपनी का दावा है कि हर रोज आठ बजे रात से दो बजे रात के बीच 6600 मेगावाट से 6800 मेगावाट के बीच बिजली खपत हो रही है. हालांकि, अभी केन्द्रीय सेक्टर से बिहार को जरूरत के अनुसार बिजली मिल जा रही है, लेकिन किसी दिन अगर एक-दो यूनिट बंद रहती है तो कंपनी बाजार से बिजली की खरीदारी कर आपूर्ति कर रही है. औसतन 500 से एक हजार मेगावाट के बीच बिजली की खरीदारी हो रही है. कंपनी के वरीय अधिकारियों ने कहा कि बिहार में भरपूर बिजली आपूर्ति की जा रही है. बिजली का कोई संकट नहीं है. केन्द्रीय सेक्टर से कम बिजली मिलने पर बाजार से बिजली की खरीदारी कर आपूर्ति की जा रही है.